10वीं कक्षा के बाद स्ट्रीम चुनना हर छात्र के करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। अक्सर छात्र और अभिभावक यह सवाल पूछते हैं कि CBSE बोर्ड में 10वीं के बाद कॉमर्स स्ट्रीम लेने के लिए कितने प्रतिशत अंक जरूरी होते हैं? तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

Career option after 10th, 10वीं कक्षा के बाद कौन सी stream लें?
CBSE का क्या नियम है?
CBSE (Central Board of Secondary Education) की ओर से 10वीं के बाद किसी भी स्ट्रीम (Science, Commerce, Arts) के लिए कोई निश्चित न्यूनतम प्रतिशत निर्धारित नहीं किया गया है। यानी, बोर्ड की तरफ से यह तय नहीं किया जाता कि किस स्ट्रीम में जाने के लिए कितने प्रतिशत चाहिए।
लेकिन, ज्यादातर स्कूल अपने स्तर पर ही कट-ऑफ प्रतिशत तय करते हैं, जो छात्रों की संख्या, रिजल्ट और स्कूल की प्रतिष्ठा पर निर्भर करता है।
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CBSE और अन्य बोर्ड्स में कॉमर्स के लिए न्यूनतम परसेंटेज
CBSE बोर्ड
- सामान्यतः 55% से 60% अंकों की आवश्यकता होती है।
- कुछ स्कूलों में 50% अंकों पर भी एडमिशन मिल जाता है।
- प्रतिष्ठित स्कूलों में 65% या अधिक मांग सकते हैं।
अन्य राज्य बोर्ड (UP, MP, Bihar, Maharashtra, आदि)
- अधिकतर स्कूलों में 45% से 50% अंकों पर कॉमर्स मिल जाता है।
- कुछ सरकारी स्कूलों में पासिंग मार्क्स (33%) पर भी एडमिशन मिल सकता है।
प्राइवेट स्कूल्स
कुछ प्राइवेट स्कूल कम मार्क्स पर भी एडमिशन दे देते हैं, लेकिन फीस अधिक हो सकती है।
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कॉमर्स में एडमिशन के लिए जरूरी सब्जेक्ट्स
10वीं के बाद कॉमर्स स्ट्रीम में मुख्य विषय होते हैं:
- अकाउंटेंसी (Accountancy)
- बिजनेस स्टडीज (Business Studies)
- इकोनॉमिक्स (Economics)
- गणित (Mathematics – Optional)
- अंग्रेजी (English – Compulsory)
अगर आप CA, CS, B.Com, MBA या फाइनेंस से जुड़े कोर्स करना चाहते हैं, तो कॉमर्स स्ट्रीम सबसे अच्छा विकल्प है।
कम मार्क्स आने पर क्या करें?
- अगर आपके 10वीं में 50% से कम अंक हैं, तो भी कई स्कूल और कॉलेज एडमिशन देते हैं।
- प्राइवेट संस्थानों में कॉन्टैक्ट करें या डायरेक्ट एडमिशन के लिए पूछताछ करें।
- NIOS (National Institute of Open Schooling) या दूसरे राज्य बोर्ड में एडमिशन ले सकते हैं।